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Hindi Poetry DAP Tailent Akhilesh Yadav Official
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New Poetry With Nisha (Night) " निशा " कहने को तो निशा एक रात्रि है , लेकिन वो सावन की एक महाशिवरात्रि है , हमने मान लिया निशा एक रात है , लेकिन दिन की शुरुआत है , निशा एक रात्री का शब्द है , जैसे कभी चंद्रमा अर्ध है , माना निशा एक घटना है , लेकिन चोरों को उसी से पिटना है , निशा एक अंधकार है , अब मान भी लो दिन की शुरुआत है , निशा में एक सोने की बात है , लेकिन मेरे लिए वो सबसे खाश है , कहने में ये तम ही है , लेकिन रात को सोने से पहले नमन भी है , अपनों को गुड नाईट कहने का अभियान यही है , जिसका जनमदिन है उसको इन्तजार यही का है , तुम खुश हो ये नाराज वो आती जरूर है , सब को एक साथ सुलाने का पैग़ाम यही है । 🖋️ @ DAP Tailent Official